सहर्ष स्वीकारा है – Motivational Poem In Hindi

Amresh Mishra

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सहर्ष स्वीकारा है: जीवन एक अनदेखी यात्रा है, जो हर उतार-चढ़ाव के साथ हमें नई सीख और अनुभव देती है। इस यात्रा में, हम सुख और दुःख, सफलता और असफलता की ओर चलते हैं, और बहुत सी बातें हमें यह सिखाती हैं कि जीवन के हर पल को सहर्ष स्वीकार करने का महत्व क्या है। “सहर्ष स्वीकारा” नामक यह कविता हमें इस उद्देश्य के महत्व को याद दिलाती है, जिससे हम अपने जीवन को पूरी तरह से समझ सकते हैं और खुशियों की ओर बढ़ सकते हैं।

“सहर्ष स्वीकारा” – प्रेरणादायक कविता

ज़िन्दगी में जो कुछ है, जो भी है
सहर्ष स्वीकारा है;
इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है
वह तुम्हें प्यारा है।
गरबीली ग़रीबी यह, ये गंभीर अनुभव सब
यह विचार-वैभव सब
दृढ़्ता यह, भीतर की सरिता यह अभिनव सब
मौलिक है, मौलिक है
इसलिए के पल-पल में
जो कुछ भी जाग्रत है अपलक है–
संवेदन तुम्हारा है !!

जाने क्या रिश्ता है,जाने क्या नाता है
जितना भी उँड़ेलता हूँ,भर भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!

सचमुच मुझे दण्ड दो कि भूलूँ मैं भूलूँ मैं
तुम्हें भूल जाने की
दक्षिण ध्रुवी अंधकार-अमावस्या
शरीर पर,चेहरे पर, अंतर में पा लूँ मैं
झेलूँ मै, उसी में नहा लूँ मैं
इसलिए कि तुमसे ही परिवेष्टित आच्छादित
रहने का रमणीय यह उजेला अब
सहा नहीं जाता है।
नहीं सहा जाता है।
ममता के बादल की मँडराती कोमलता–
भीतर पिराती है
कमज़ोर और अक्षम अब हो गयी है आत्मा यह
छटपटाती छाती को भवितव्यता डराती है
बहलाती सहलाती आत्मीयता बरदाश्त नही होती है !!!

सचमुच मुझे दण्ड दो कि हो जाऊँ
पाताली अँधेरे की गुहाओं में विवरों में
धुएँ के बाद्लों में
बिलकुल मैं लापता!!
लापता कि वहाँ भी तो तुम्हारा ही सहारा है!!
इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है
या मेरा जो होता-सा लगता है, होता सा संभव है
सभी वह तुम्हारे ही कारण के कार्यों का घेरा है, कार्यों का वैभव है
अब तक तो ज़िन्दगी में जो कुछ था, जो कुछ है
सहर्ष स्वीकारा है
इसलिए कि जो कुछ भी मेरा है
वह तुम्हें प्यारा है ।

सहर्ष स्वीकारा कविता की व्याख्या

ये कविता गजानन माधव मुक्तिबोध द्वारा लिखा गया है.

व्याख्या: जीवन एक अनन्य यात्रा है, जिसमें सफर के हर पल में नए चुनौतियों और संघर्षों का सामना होता है। यह सफर अक्सर हमें निराशा और उदासीनता की ओर ले जाता है, लेकिन कुछ बेहद विशेष हैं, जो हर चुनौती को उत्साह से स्वीकार करने की कला सिखाते हैं। यही है “सहर्ष स्वीकारा” की महत्वपूर्ण कला।

“सहर्ष स्वीकारा” कविता वहाँ से आगई है, जहाँ उम्मीद की किरणों की जरूरत होती है। यह एक प्रेरणादायक कविता है जो हर व्यक्ति को अपने जीवन की प्रत्येक घटना को सहर्ष स्वीकार करने के महत्व को समझाती है। यह कविता हमें उत्साह और संघर्ष की भावना से परिपूर्ण बनाती है और हमें जीवन के हर मोड़ पर सकारात्मकता की ओर ले जाती है।

इस कविता में शब्दों की माध्यम से व्यक्त किए गए भाव और विचार हमें बताते हैं कि जीवन में सफलता प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण क़दम है “सहर्ष स्वीकारा”। यह हमें शिक्षा देती है कि हमें हर स्थिति को प्रसन्नता से स्वीकार करना चाहिए, चाहे वह कितनी भी कठिन क्यों न हो। इसके साथ ही, यह हमें सिखाती है कि जीवन में खुशी की खोज को केवल बाहरी संघर्षों में ही नहीं, बल्कि अंतरंग शांति और स्वाध्याय में भी प्राप्त किया जा सकता है।

इस कविता के माध्यम से, हमें समझाया जाता है कि सही दृष्टिकोण और सकारात्मक सोच ही जीवन में सफलता की कुंजी है। इसके अलावा, यह हमें यह भी बताती है कि किसी भी परिस्थिति में अपने आप को हार मानने का मतलब हार नहीं होता, बल्कि वह हमें नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ने के लिए एक नई समीक्षा और ताकत देता है।

आखिरकार, “सहर्ष स्वीकारा” कविता हमें यह सिखाती है कि जीवन को सहर्ष स्वीकार करने की कला केवल कुशलता में ही नहीं, बल्कि स्वयं को बदलने की इच्छा और सकारात्मकता में भी समाहित है। यह कविता हमें आत्मविश्वास और साहस देती है कि हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकते हैं और उसे अपने लाभ के लिए परिणामस्वरूप परिणामित क

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समय के साथ जीवन का हर एक पल अनुभवों से भरा होता है। चाहे खुशी हो या दुख, प्रसन्नता हो या कठिनाई, हर पल जीने का एक महत्व होता है। लेकिन कई बार हम परिस्थितियों को स्वीकारने में असमर्थ महसूस करते हैं। “सहर्ष स्वीकारा” उस गुण को दर्शाता है जो हमें हर परिस्थिति को स्वीकार करने की कला सिखाता है।

यह कविता हमें यह बताती है कि जीवन की हर चुनौती, हर संघर्ष, और हर परेशानी को हमें उत्साहपूर्वक स्वीकार करना चाहिए। जीवन के रंग-बिरंगे पलों को हमें गले लगाकर स्वीकार करना चाहिए, चाहे वह खुशियों का समय हो या विपत्तियों की घड़ी।

सहर्ष स्वीकारा का अर्थ है सभी अनुभवों को स्वीकार करना, चाहे वह अच्छे हों या बुरे। यह हमें आत्म-संयम, सकारात्मक सोच, और उत्साह की ओर ले जाता है। सहर्ष स्वीकारा करने से हम अपने मन की शांति और आनंद का अनुभव करते हैं।

इस कविता में, हमें सिखाया जाता है कि हमें हर चुनौती को चेहरे पर मुस्कान के साथ स्वागत करना चाहिए। जीवन की हर परेशानी को हमें उत्साह और प्रेरणा के साथ देखना चाहिए, क्योंकि हर संघर्ष हमें और मजबूत बनाता है।

सहर्ष स्वीकारा की यह कविता हमें यह सिखाती है कि जीवन में सफलता पाने का एक महत्वपूर्ण कदम है जो हमें खुशियों और दुःखों को बराबरी के साथ स्वीकार करने की प्रेरणा देता है। इस उत्साहवादी कविता के माध्यम से हमें यह संदेश मिलता है कि जीवन में असफलता नहीं, बल्कि उसे स्वीकार करने की कला महत्वपूर्ण है। यह हमें मजबूत और संघर्षशील बनाती है, और हमें अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करती है।

सहर्ष स्वीकार कविता के कवि गजानन माधव के बारे में

गजानन माधव मुक्तिबोध एक प्रमुख हिंदी कवि, निबंधकार, और साहित्यिक आलोचक थे। उनका जन्म 13 नवंबर, 1917 को भारत के मध्य प्रदेश के जबलपुर में हुआ था, और उनका निधन 11 सितंबर, 1964 को हो गया। मुक्तिबोध को उनकी प्रगतिशील और क्रांतिकारी विचारधारा के लिए जाना जाता था, जो उनकी कविता और लेखन में प्रतिबिम्बित होती थी।

उनके साहित्यिक काम अक्सर अस्तित्ववाद, सामाजिक अन्याय, और मानव संबंधों की जटिलताओं के विषयों को अन्वेषित करते थे। मुक्तिबोध की कविताओं में आत्मविचार और सामाजिक नियमों के खिलाफ बगावत का गहरा अनुभव था। उन्होंने भाषा और चित्रों के नवाचारी उपयोग के माध्यम से पारंपरिक परंपराओं का विरोध किया।

मुक्तिबोध को मार्क्सवादी विचारधारा और अस्तित्ववादी दर्शन का गहरा प्रभाव था, जो उनके विश्वदृष्टि और साहित्यिक अभिव्यक्ति को आकार देता था। उनकी कविताएँ अक्सर सामाजिक बदलाव और उत्थान के लिए आम लोगों के संघर्ष को चित्रित करती थीं।

उनके कुछ प्रमुख कामों में “चाँद का मुंह टेढ़ा है”, “अंधेरे में”, और “बुंदेले हरबोलों के मुकद्दर का सिकंदर” शामिल हैं। मुक्तिबोध का हिंदी साहित्य में योगदान अमूल्य है, जिसने उनकी दृष्टिकोणी विचारधारा और कविताओं की प्रतिभा से लाखों लेखकों और बुद्धिजीवियों को प्रेरित किया है।

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अन्तिम शब्द,

आज इस पोस्ट में हमने सहर्ष स्वीकार कविता और उसकी व्याख्या के बारे में बताया. साथ ही साथ हमने इस कविता के कवी के बारे में भी बताया है. उम्मीद है आपको इस पोस्ट से मदद मिली होगी. यदि आपको यह पोस्ट पसंद आई हो तो इसे सोशल मीडिया पर अन्य लोगों के साथ अवश्य शेयर करें. यदि आप इस कविता से जुड़े कोई प्रश्न करना चाहते हैं तो हमसे कमेंट करके पूछ सकते हैं.

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