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प्रकृति पर कविता – Nature Poem In Hindi

Amresh Mishra

Updated on:

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प्रकृति पर कविता : प्रकृति, हमारे जीवन का अद्वितीय और महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें जीने की ऊर्जा, स्वस्थ्य और संतुलन प्रदान करती है। प्रकृति की सुंदरता, उसकी विविधता और उसमें समाहित शांति हमें हर पल वाह्य करती है। इस कविता में, हम प्रकृति की महत्वता और उसकी अद्वितीयता के प्रति अपनी श्रद्धा और आदर्श व्यक्त करेंगे।\लेकिन अफसोस इस बात का है कि मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए प्रकृति की सुंदरता से खिलवाड़ कर रहा है। मनुष्य अपने लालच और स्वार्थ को पूरा करने के लिए प्रकृति के पोधो को काट रहा है जो आने वाली पीढ़ियों के लिए गहरा संकट है।

इसलिए सभी स्कूलों में प्रकृति के महत्व को समझाने के लिए प्रकृति की कुछ कविताएं ( Nature Poem In Hindi ) पढ़ाई जा रही है ताकि प्रकृति के महत्व के बारे में आप अच्छे से जान सके और प्रकृति से खिलवाड़ करने वाले लोगों को सजगता मिल सके।

प्रकृति पर कविता – Nature Poem In Hindi

मनमोहनी प्रकृति की जो गोद में बसा है ,सुख स्वर्ग सा जहां है, वह देश कोनसा है ?
जिसका चरण निरन्तर रतनेश धों रहा है,
जिसका मुकुट हिमालय, वह देश कोनसा है ?
नदियां जहां सुधा की धारा बहा रही है,
सींचा हुआ सलोना, वह देश कोनसा है ?
जिसके बड़े रसीले, फल, कंद, नाज, मेवे,
सब अंग में सजे है, वह देश कोनसा है ?
जिसमे सुगन्ध वाले, सुंदर प्रसून प्यारे,
दिन रात हंस रहे है, वह देश कोनसा है ?
मैदान, गिरी, वनों में हरियाली लहक,
आनंदमय जहां है, वह देश कोनसा है ?
जिसकी अनन्त धन से, धरती भरी पड़ी है,
संसार का शिरोमणि, वह देश कोनसा है ?

प्रातः नभ था बहुत नीला संख जैसे
भोर का नभ
राख से लीपा हुआ चोका
अभी गीला पड़ा है।
बहुत काली सिल जरा से लाल केसर से
की जैसे धूल गई हो
स्लेट पर या लाल खड़िया चाक
मल दी हो किसी ने।
नील जल में या किसी की
गौर झिलमिल देह
जैसे हिल रही हो।
और…..
जादू टूटता है इस उषा का अब
सूर्योदय हो रहा है।

तिरती है समीर सागर पर
अस्थिर सुख पर दुख की छाया
जग के दग्ध हृदय पर
निर्दय विप्लव की प्लावित माया
यह तेरी रण तरी
भरी आकांक्षाओं से,
घन, भेरी – गर्जन से सजग सुप्त अंकुर
उर में प्रथ्वी के, आशाओं से
नवजीवन की, ऊंचा कर सिर
ताक रहे है, है विप्लव के बादल !
फिर – फिर
बार बार गर्जन
वर्षण है मूसलाधार
ह्रदय थाम लेता संसार,
सुन सुन घोर वज्र हुंकार,
अशनी पात से शापित उन्नत शत शत वीर
क्षत विक्षत हत अचल शरीर
गगन स्पर्शी स्प्रदा धिर।

बार बार गर्जन
वर्षण है मूसलाधार
ह्रदय थाम लेता संसार,
सुन सुन घोर वज्र हुंकार,
अष्नी पात से शापित उन्नत शत शत वीर,
क्षत विक्षत हात अचल शरीर
गगन स्पर्शी सप्रदा धिर।
हंसते है छोटे पोधे लगुभार
शस्य अपार,
हिल हिल,
खिल खिल
हाथ हिलाते
तुझे बुलाते
विप्लव रव से छोटे ही है शोभा पाते।

अट्टालिका नहीं है रेे
आतंक भवन
सदा पंक पर ही होता
जल विप्लव प्लावन
क्षुद्र प्रफुल्ल जलज से
सदा छलकता नीर
रोग शोक में भी हंसता है
शैशव का सुकुमार शरीर
रुद कोश है क्षुब्द तोश
अंगना अंग पर कांप रहे है
धनी वज्र गर्जन से बादल
त्रस्त नयन मुख धंप रहे है।

जिर्णं बाहु, है शिर्णं शरीर
तुझे बुलाता कृष्क अधीर
ए विपल्व के वीर
चूस लिया है उसका सार
हाड़ मात्र ही है आधार
ए जीवन के पारावर !

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हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो द्वारा लिखा गया कुछ अन्य कविता :

महान गैट्सबी, विलासिता और धनवान, उनकी प्रेम कथा, आत्मिक खोज में भ्रमण।

उसकी दीवानगी, ख्वाबों की ऊँचाइयों पर, समृद्धि के पीछे, खोया दिल का प्यार।

समाज की भूख, मनमुग्धता की भावना, गैट्सबी की धरती, सपनों की उमंग और सांसारिक स्थितियों का अनुसरण।

प्यार की अपेक्षा, जीवन की कठिनाइयों के बावजूद, उसकी प्रेम कहानी, हमेशा अनमोल बनी है।

प्रकृति पर कविता पर व्याख्या :

प्रकृति पर कविता एक साहित्यिक रचना है जो हमें प्राकृतिक सौंदर्य, स्थिरता और उसके साथी विभिन्न तत्वों के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करती है। यह कविता प्रकृति की महत्वपूर्ण भूमिका को व्यक्त करती है, जैसे कि वायु, जल, पृथ्वी, आकाश, और पौधों-पौष्पों। इसके माध्यम से कवि प्रकृति की सुंदरता, संतुलन, और समृद्धि की महिमा को व्यक्त करते हैं।

इसके अलावा, प्रकृति पर कविता हमें प्राकृतिक प्रेम, सम्बन्ध और संबल के महत्व को भी समझाती है। यह हमें एक उच्च स्तर पर विचार करने के लिए प्रेरित करती है और हमारे और प्रकृति के बीच एक संतुलित संबंध की आवश्यकता को जागरूक करती है। कविता के माध्यम से हम प्रकृति की समाज में महत्वपूर्ण भूमिका को समझते हैं और उसकी सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता को महसूस करते हैं।

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हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो : हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलोएक प्रमुख अमेरिकी लेखक और फ़िल्म निर्माता थे। उन्होंने कई प्रसिद्ध किताबें लिखीं, जैसे कि “द ग्रेट गैट्सबी”, “टेंडर इज़ द नाइट” और “टू थे लाइफ्स”। उनकी रचनाएँ उच्च विचारधारा, सामाजिक व्यावसायिकता और मनोवैज्ञानिक रूप से गहराई से संबंधित होती हैं। हेनरी वड्सवर्थ लॉन्गफेलो का योगदान अमेरिकी साहित्य के इतिहास में महत्वपूर्ण है और उनकी रचनाएँ आज भी प्रसिद्ध हैं।

अंतिम शब्द :

प्रकृति हमारे जीवन का अद्वितीय और महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह हमें ऊर्जा, संतुलन, और आनंद प्रदान करती है। इसकी सुंदरता, विविधता, और शांति हमें आत्म-साक्षात्कार की ओर ले जाती है। प्रकृति के बिना हमारा जीवन अधूरा होता। इसलिए, हमें प्रकृति के प्रति सम्मान और देखभाल करनी चाहिए। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम प्रकृति के साथ समन्वय में जीवन बिताएं और उसके संरक्षण के लिए प्रयासरत रहें। प्रकृति का सम्मान करना हमारे जीवन की सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा है।प्रकृति हमारी माँ है, हमें उसकी देखभाल करनी चाहिए। अगर इस तरह के कविता और चाहिए तो हमे कमेंट जरुर करे … अगर ये कविता पसंद पड़ा तो सोशल मीडिया पर जुरूर शेयर करे ..

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