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मेरा प्यारा भारत – My Country Essay In Hindi

Amresh Mishra

Updated on:

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मेरा प्यारा भारत:-

हमारा भारत एक ऐसा देश है जो समृद्ध, समाजवादी और सांस्कृतिक धरोहर से युक्त है। यहाँ की भूमि प्राचीनतम सभ्यताओं की भूमि है और यहाँ की विविधता हमें अनगिनत रंगों की खोज में ले जाती है। हमारा भारत एक ऐसा समृद्ध खजाना है जिसमें विभिन्न धर्म, भाषा, संस्कृति और आदिवासी समुदायों का विशाल आदान-प्रदान है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, ऐतिहासिक स्थल, और प्राचीन विरासत दुनिया भर में अद्वितीय है।

हमारा भारत एक ऐसा देश है जहाँ एकता और विविधता का आदर्श निवास करता है। यहाँ की भाषा, धर्म, और संस्कृति की भिन्नताएँ हमें एक साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। हमारे देश की संवैधानिक व्यवस्था, विशाल भूगोल, और विविध संस्कृतियों का आदान-प्रदान हमें गर्व की भावना देता है।

हमारा भारत न केवल अपने विशाल धन के लिए जाना जाता है, बल्कि यहाँ के लोगों की मेहनत, साहस, और संघर्ष का परिणाम है। यहाँ की विद्या, विज्ञान, और तकनीक की उत्कृष्टता दुनिया भर में प्रसिद्ध है।

इस प्रकार, मेरा प्यारा भारत हमें अपनी अमूल्य विरासत के प्रति समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है और हमें एक सशक्त, समृद्ध, और एकत्रित राष्ट्र की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।आज के इस आर्टिकल में स्वागत है आपका, इस लेख में हमने आपके लिए मेरा प्यारा भारत पर निबंध उपलब्ध किया है। बहुत से व्यक्ति हमसे कमेंट में My Country Essay प्रकाशित करने के लिए बोल रहे थे, तो हमने दर्शको की मांग का ध्यान रखते हुए Mera Pyara Bharat पर निबंध इस पोस्ट के जरिये प्रकाशित कर दिया है। अब आप मेरा प्यारा भारत का निबंध आसानी से पढ़ पाएंगे।

ये मेरा इंडिया। अच्छा न लगे तो प्यार से कहिये यह मेरा प्यारा भारत। हम इसको हिंदुस्तान भी कहते है। इतिहास के पन्नो में इसके आर्यावर्त और ब्रह्मवर्त नाम भी दर्ज है। मगर नाम में क्या रखा है ? है तो यह हमारा प्यारा देश भारत ही। संसार के समस्त देशो में अनुपम ! इसकी विशेषताओं पर मुग्ध होकर कवि इकबाल ने लिखा था –

”सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्ताँ हमारा”

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भारत का भूगोल और प्रकृति ( Geography and nature of India )

हमारा हिंदोस्तां दुनिया के सभी देशो में सर्वोत्तम है। हर भारत वासी को यही लगता है। लगे भी क्यों न ? जब –

”ध्रुववासी जो हिम में तम से जी लेता है काँप-कांपकर
रखता है अनुराग अलौकिक वह भी अपनी मातृभूमि पर”

हमारा देश भारत तो प्राकृतिक सुषमा से भरपूरा है। इसकी भौगोलिक स्थिति ने इसको सुखदायक देश का गौरव दिया है। यहाँ न ध्रुव प्रदेश जैसी सर्दी पड़ती है और न विषुवत रेखा जैसी भीषण गर्मी। इसकी ऋतुएँ परम आनंददायिनी है, इसकी वर्षा जीवनदायिनी होती है और भारत को शस्य-श्यामला बनाती है। भारत एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। अपनी विशालता और विविधता के कारण यह उपमहाद्वीप की संज्ञा से जाना जाता है। इसके उत्तर में संसार का सर्वोच्च पर्वत हिमालय है, यह पर्वतराज हिमालय भारत की उत्तरी सीमा का प्रहरी है। यह बर्फीली से भी भारत को बचाता है। उसके दक्षिण में हिन्द महासागर स्थित है जो भारत के चरण धोता है।

भारत में गंगा-यमुना, सिंधु, सतलज, व्यास, घाघरा आदि नदियां है, जिन्होंने मैदान को बनाया है। इसमें विभिन्न प्रकार के अन्न और खाद्य पदार्थ उत्पन्न होते है। भारत के प्राकृतिक सौन्दर्य के सम्बन्ध में कवि सोम ने लिखा है –

”सागर चरण पखारे, गंगा शीश चढ़ावे नीर
मेरे भारत की माटी चन्दन और अबीर”

भारत का इतिहास, संस्कृति और सभ्यता ( History, Culture and Civilization of India )

भारत का इतिहास बहुत पुराना तथा गौरवशाली है। ऋग्वेद विश्व का सबसे प्राचीन ग्रंथ है। इसको दस बारह हजार वर्ष पुराना माना जाता है। जब आज का सभ्य योरोप जंगली जातियों का घर था तब भारत में सभ्यता विकसित हो चुकी थी। शतपत और बाइबिल में देवजाति की जिस जल प्रलय का उल्लेख मिलता है उसका घटना स्थल हिमालय का उत्तर-पश्चिम क्षेत्र था।

कुछ लोग मानते थे कि उस जल प्रलय में देवजाति नष्ट हो गयी थी केवल मनु बचे थे। उनकी नौका हिमालय पर अटक गयी थी। जल उतरने पर मनु हिमालय से निचे उतरे। उनकी संतान ही मनुज या मानव है। महाकवि जयशंकर प्रसाद ने भारत को ही आर्यो का आदि देश माना है। आर्य कही बाहर से आये थे, वह इस मत के समर्थक नहीं थे –

हमारी जन्भूमि है यही। कही से हम आये थे नहीं।

हजारो वर्षो में ने भारत में सभ्यता के अनेक उतार-चढ़ाव देखे है। भारत की सभ्यता और संस्कृति अत्यंत पुरानी है। वह निरंतर परिवर्तित और विकसित होती रही है। भारतीय संस्कृति त्याग, प्रेम और शांति की संस्कृति है। बौद्ध, जैन, सिख आदि भारतीय मत तथा पारसी, यहूदी, ईसाई, इस्लाम आदि विदेशी मतों को भी यहाँ रहकर अपना विकास करने की स्वतंत्रता प्राप्त हुयी। सर्वधर्म समन्वय तथा सहिष्णुता भारत की सभ्यता और संस्कृति की दृढ़ मान्यताये है।

”मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
हिंदी है हम, वतन है हिन्दोस्ताँ हमारा”

भारत की विभिन्नता में एकता ( Unity in diversity of india )

भारत की सर्वप्रमुख विशेषता विभिन्नता में एकता है। यहाँ अनेक धर्म, मत, जाति के लोग रहते है। उनका खान-पान और पहनावा भी भिन्न है परन्तु वे सभी भारतीय है। भारत की यह विविधता उसके भूगोल और जलवायु में भी है। भारत के निवासियों के शारीरिक गठन और रंग-रूप में भी भिन्नता है परन्तु उनकी भारतीयता में भिन्नता नहीं है। भारत में अनेक प्रकार की वनस्पतियां उगती है, तरह-तरह के रंग बिरंगे फूल खिलते है, भांति-भांति के पशु-पक्षी यही पाए जाते है। इन सब की एकरूपता ही भारत है। भारत ने हरेक को अपनाया और शरण दी। शरणागत वतस्लता भारत की संस्कृति का प्रमुख गुण है।

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आधुनिक भारत ( Modern india )

भारत विश्व का प्राचीन देश है। लम्बी दासता से मुक्त होकर आज भारत नवनिर्माण के पथ पर तेजी से बढ़ रहा है। सवा सौ करोड़ जनसंख्या वाला भारत आज संसार का सबसे बड़ा गणतंत्र है। भारतीयों ने प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है। आगामी समय में हमारा भारत विश्व की आर्थिक और सामरिक महाशक्ति बनने को तैयार है। स्वतंत्रता और समानता का सन्देश विश्व को देते हुए हम स्वयं मेरा प्यारा भारत को आगे बढ़ा रहे है।

अंतिम शब्द ,

भारत एक ऐसा देश है जिसमें समृद्धि की अनगिनत कहानियाँ छिपी हैं। यहाँ की विविधता, ऐतिहासिक धरोहर और समृद्ध संस्कृति दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं। हमारा देश एकता और सामर्थ्य का प्रतीक है। यहाँ की प्राकृतिक सौंदर्य, अनूठी भूमि, और विविधता हर किसी को मोह लेती है। भारतीय संस्कृति में समाजवाद, सहानुभूति, और समरसता के सिद्धांत निहित हैं। यहाँ की महिलाओं की सम्मानजनक अबला हमें गर्व और गौरव देती है। मेरा प्यारा भारत हमें अपने राष्ट्रीय भावना, समृद्धि, और सांस्कृतिक विरासत के प्रति समर्पित करने के लिए प्रेरित करता है। अगर ये पोस्ट अच्छा लगा तो जरुर शेयर करे ।

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