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में सबसे छोटी होऊ – A Mother Poem From Daughter In Hindi in 2024

Amresh Mishra

Updated on:

में सबसे छोटी होऊ - A Mother Poem From Daughter In Hindi
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आज हम आपको A Mother Poem From Daughter सुना रहे है। आज की इस Poem में एक Daughter अपनी माँ के लिए एक कविता का गान कर रही है तथा अपनी Mother से कह रही है कि काश में बड़ी न होऊ ताकि में हमेशा माँ की गोद में सोऊँ तथा हमेशा माँ के आँचल में छिपी रहु। 

A Mother Poem From Daughter
में सबसे छोटी होऊ - A Mother Poem From Daughter In Hindi
 
तेरी गोद  सोउ,
 
तेरे आँचल पकड़-पकड़कर 
 
फिरू सदा माँ ! तेरे साथ,
 
कभी न छोड़ू तेरा हाथ !
 
बड़ा बनाकर पहले हमको 
 
तू पीछे चलती है मात !
 
हाथ पकड़कर फिर सदा हमारे 
 
साथ नहीं फिरती दिन और रात 
 
अपने कर से खिला, धुला मुख ,
 
धूल पोंछ, सज्जित कर गात,
 
थमा खिलोने, नहीं सुनाती 
 
हमे दुखद परियो की बात !
 
ऐसी बड़ी न होऊं में 
 
छिपी रहु निस्पृह, निर्भय 
 
कहु- दिखा दे चंद्रोदय। 
 
Mom Love You 
 
Your Daughter 
 

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