प्रिय दर्शको आज की इस पोस्ट में हम आपको संज्ञा की परिभाषा बता रहे है, इसके साथ-साथ संज्ञा कितने प्रकार की होती है तथा उनकी परिभाषा भी इस पोस्ट में आपको बताने वाले है, तो आइये बिना टाइम व्यर्थ किये हुए आपको संज्ञा किसे कहते है बताते है।
![संज्ञा किसे कहते है ?](https://www.bestbookshindi.in/wp-content/uploads/2024/03/%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%9C%E0%A5%8D%E0%A4%9E%E0%A4%BE-%E0%A4%95%E0%A4%BF%E0%A4%B8%E0%A5%87-%E0%A4%95%E0%A4%B9%E0%A4%A4%E0%A5%87-%E0%A4%B9%E0%A5%88--300x169.jpg)
संज्ञा किसे कहते है ?
किसी व्यक्ति, वस्तु, स्थान, भाव आदि के नाम को संज्ञा कहते है। जैसे क्रमश उदहारण राम, पुस्तक, जयपुर, कमजोर आदि।
संज्ञा के कितने भेद होते है ?
संज्ञा के तीन भेद या प्रकार होते है –
1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
2. जातिवाचक संज्ञा
3. भाववाचक संज्ञा।
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व्यक्तिवाचक संज्ञा किसे कहते है ? उदाहरण दीजिये।
जिस संज्ञा से किसी एक वस्तु, व्यक्ति या स्थान का बोध हो, उसे व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे उदाहरण – शिवाजी, ताजमहल, तिरंगा आदि।
व्यक्तिवाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण – दशहरा, हॉकी, लाल किला, मोर।
जातिवाचक संज्ञा किसे कहते है ? उदाहरण दीजिये।
जिस संज्ञा से किसी एक ही जाति की सभी वस्तुओ का बोध होता है उसे जातिवाचक संज्ञा कहते है। जैसे उदाहरण – मनुष्य, गाय, फूल आदि।
जातिवाचक संज्ञा के उदाहरण – मैदान, कक्षा, सर्कस, लड़की, माता।
भाववाचक संज्ञा किसे कहते है ? उदाहरण दे।
जिसे संज्ञा से किसी वस्तु के गुण, दशा, व्यापार, या धर्म का बोध होता है उसे भाववाचक संज्ञा कहते है। उदाहरण के लिए जैसे अच्छाई, मिठास, गरीबी, बुढ़ापा आदि।
भाववाचक संज्ञा के अन्य उदाहरण – सुख, आनंद, गर्मी, ममता।