आपके पास जो है – A Short Moral Story In Hindi

आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ A Short Moral Story In Hindi के रूप में एक छोटी सी कहानी पेश कर रहे है, आज की कहानी है तो छोटी सी पर आपको जीवन की एक अच्छी सीख देने वाला है। आज की यह Short Moral Story एक गरीब व्यापारी के रूप में आपके सामने प्रदर्शित की गई है।   


”A Short Moral Message From This Hindi Story” 
आपके पास जो है उसी में संतोष कीजिये !

A Short Moral Story In Hindi
 A Short Moral Story In Hindi

आपके पास जो है – A Short Moral Story In Hindi


कितने खुशनसीब होते है हम जब हमारे पास अच्छी नौकरी, अच्छी सैलेरी और हमारा प्यारा पूरा परिवार साथ होता है। पर क्या यह दुनिया के हर एक इंसान के पास होता है ? इंसान के पास भले ही कितनी ही धन-दौलत क्यों ना हो यदि उसके पास एक प्यारा सा हंसी खुशी वाला परिवार नहीं है तो शायद वह मनुष्य कभी खुश नहीं रह पता होगा, पर यदि एक गरीब इंसान जिसके पास गुजारा चलाने के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है परन्तु एक खुशियाँ देने वाला परिवार है तो वह मनुष्य सदैव खुश रहता है। 

इंसान की खुशनसीबी का सबसे बड़ा कारण माँ होती है। चाहे वह मनुष्य इस बात को माने या ना माने पर माँ जिसके पास होती है वह दुनिया का सबसे भाग्यशाली इंसान होता है। इस संसार में माँ का स्थान भगवानो तथा परमपिता परमेश्वर से भी ऊँचा माना गया है माँ को भगवान से भी ऊँचा दर्जा दिया गया है। इसीलिए तो कहते है माँ के चरणों में स्वर्ग होता है। जिस घर या स्थान पर देवी माँ की पूजा और सम्मान होता है उस घर या स्थान में धन-दौलत और खुशियां अपने आप आती रहती है। 

माँ के आँचल के साये में सोना हर इंसान के नसीब में नहीं होता इसका दर्द और कमी वही व्यक्ति समझ सकता है जिसके पास माँ नहीं है। आजकल कुछ लोग पत्थरो को पारस मानने लगे है जबकि असली पारस और ममता तो माँ का प्यार और दुलार है। 

चलिए आपको एक इंसान की कहानी सुनाता हूँ, एक गांव में एक व्यापारी रहता था उसके पास माँ के साथ-साथ हँसता खेलता हुआ परिवार था। उसके परिवार के सभी व्यक्तियों में प्यार और स्नेह का गहरा रिश्ता था। व्यापारी गांव में पुरे परिवार के साथ रहता परन्तु उसके व्यापर की आमदनी कम हुआ करती थी पर इतनी तो हो जाती थी कि वह अपने परिवार का लालन-पालन कर सके। व्यापारी थोड़ा लालची था उसे ज्यादा आमदनी की लालसा रहती थी, एक दिन अधिक पैसे कमाने की चाह में वह प्रदेश चला गया। वहां जाकर व्यपारी और ज्यादा लालच के दलदल में फंसता गया। इधर गांव में उसकी माँ बीमारी से जूझ रही थी। व्यापारी कार्य में इतना व्यस्त हो गया कि वह माँ को एक बार भी गांव में देखने नहीं आ सका। 

कुछ दिनों के उपरांत उसकी माँ और उसका परिवार उससे हमेशा के लिए दूर हो गया। एक दिन आया जब उस व्यापारी के पास धन-दौलत, शोहरत तथा आगे पीछे गाड़ियां, नौकर थे मगर शायद अब वो चेन से सो भी नहीं पा रहा था क्योकि उसे हर वक्त चोरो और लुटेरों का डर सत्ता रहा था। इस समय उसके पास अपना कोई नहीं था ना ही माँ के साये का आँचल था। अब वो व्यापारी रात और दिन अपने पुराने दिनों तथा अपने परिवार के बारे में सोचता रहता जिससे उसका स्वास्थ्य दिन-ब-दिन बिगड़ता गया। जब भी हर रात को सोने जाता उसे माँ की याद आती, माँ के आँचल की याद आती, माँ की लोरियां सुनने का दिल करता पर पछताने के अतिरिक्त उसके पास कोई चारा नहीं था क्योकि माँ नहीं थी। 

इसीलिए कहते है प्यारे मित्रो आपके पास जितना है उसी में संतोष कीजिये और माँ का सम्मान कीजिये जिंदगी में हमेशा खुशियां छाई रहेगी। 

तो दोस्तों उम्मीद करता हूँ आपको हमारी यह Short Moral Story बहुत पसंद होगी। कृपया इसे शेयर जरूर करे। 

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