Best God Poem In Hindi
आज की इस पोस्ट में हम आपके साथ भगवान और इंसान के मध्य की एक बेस्ट God Poem साझा कर रहे है। इस Poetry में कवी विनय जी महाजन कह रहे है कि संसार में इंसानो ने भगवान को मंदिर-मस्जिद तथा गिरजाघरों में बाँट लिया है तथा अब कवि कल्पना कर रहा है कि संसार के मनुष्यो को एक साथ मिल-झूल कर रहा चाहिए तथा इंसानो को बाँटना नहीं चाहिए। तो आइये God Poem पढ़ना शुरू करते है।
मत बाँटो इंसान को – भगवान की कविता
मंदिर-मस्जिद-गिरजाघर ने
बाँट लिया भगवान को।
धरती बांटी सागर बांटा-
मत बाँटो इंसान को।।
अभी राह तो शुरू हुई है-
मंजिल बैठी दूर है।
उजियाला महलो में बंदी-
हर दीपक मजबूर है।।
मिला न सूरज का संदेशा-
हर घाटी मैदान को।
धरती बांटी सागर बांटा
मत बांटो इंसान को ।।
अब भी हरी-भरी धरती है-
ऊपर निल वितान है।
पर न प्यार हो तो जग सुना
जलता रेगिस्तान है।।
अभी प्यार का जल देना है-
हर प्यासी चट्टान को।
धरती बांटी सागर बांटा
मत बांटो इंसान को।
साथ उठे सब तो पहरा हो-
सूरज का हर द्वार पर।
हर उदास आँगन का हक हो-
खिलती हुई बहार पर।।
रोंद न पायेगा फिर कोई-
मौसम की मुस्कान को।
धरती बांटी सागर बांटा
मत बाँटो इंसान को।
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